5 Essential Elements For baglamukhi sadhna
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ ‘शà¥à¤°à¥€à¤¬à¤—ला-मà¥à¤–ी-शतà¥à¤°à¥-विनाशक-कवचमॠकी महिमा नाम से ही सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है ।इस ‘कवच’ के ऋषि सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¤—वानॠशिव हैं और इसके सà¥à¤®à¤°à¤£-मातà¥à¤° से शतà¥à¤°à¥ गण सà¥à¤¤à¤®à¥à¤à¤¿à¤¤ हो जाते हैं। आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• शतà¥à¤°à¥à¤“ं (काम, कà¥à¤°à¥‹à¤§, लोà¤, मोह, अहङà¥à¤•à¤¾à¤° आदि) के शमन हेतॠयह ‘कवच’ विशेष रूप से उपयोगी है।
जो साधक अपने इषà¥à¤Ÿ देवता का निषà¥à¤•à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤µ से अरà¥à¤šà¤¨ करता है और लगातार उसके मंतà¥à¤° का जप करता हà¥à¤† उसी का चिनà¥à¤¤à¤¨ करता रहता है, तो उसके जितने à¤à¥€ सांसारिक कारà¥à¤¯ हैं उन सबका à¤à¤¾à¤° मां सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही उठाती हैं और अनà¥à¤¤à¤¤à¤ƒ मोकà¥à¤· à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती हैं। यदि आप उनसे पà¥à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¤à¥ पà¥à¤°à¥‡à¤® करते हैं तो वे मां के रूप में वातà¥à¤¸à¤²à¥à¤¯à¤®à¤¯à¥€ होकर आपकी पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कामना को उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पूरà¥à¤£ करती हैं जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• गाय अपने बछड़े के मोह में कà¥à¤› à¤à¥€ करने को ततà¥à¤ªà¤° हो जाती है। अतः सà¤à¥€ साधकों को मेरा निरà¥à¤¦à¥‡à¤· à¤à¥€ है और उनको परामरà¥à¤· à¤à¥€ कि वे साधना चाहे जो à¤à¥€ करें, निषà¥à¤•à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤µ से करें। निषà¥à¤•à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤µ वाले साधक को कà¤à¥€ à¤à¥€ महाà¤à¤¯ नहीं सताता। à¤à¤¸à¥‡ साधक के समसà¥à¤¤ सांसारिक और पारलौकिक समसà¥à¤¤ कारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही सिदà¥à¤§ होने लगते हैं उसकी कोई à¤à¥€ किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ अपूरà¥à¤£ नहीं रहती ।
The soul and the mind make a decision inside of a moment in regards to the Expert because There exists a distinction between sweet talks and truth of the matter. A person’s thoughts and conscience can recognize these dissimilarities.
४१. ॠहà¥à¤²à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ मं शà¥à¤°à¥€à¤•à¥€à¤²à¤¿à¤¨à¥à¤¯à¥ˆ नमः – जठरे (पेट में) ।
कमà¥à¤¬à¥-कणà¥à¤ ीं सà¥-तामà¥à¤°à¥‹à¤·à¥à¤ ीं, मद-विहà¥à¤µà¤²-चेतसामॠ।
॥ शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µ-सारोदà¥à¤§à¤¾à¤°-तनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‡ शà¥à¤°à¥€à¤¬à¤—ला- मà¥à¤–ी-विशà¥à¤µ-विजय-कवचमॠ।।
सौवरà¥à¤£à¤¾à¤¸à¤¨-संसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¾à¤‚ , तà¥à¤°à¤¿-नयनां पीतांशà¥à¤•à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤¨à¥€à¤®à¥ ।
“सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° तनà¥à¤¤à¥à¤°â€™ में à¤à¤—वानॠशङà¥à¤•à¤°, पारà¥à¤µà¤¤à¥€ जी से कहते हैं कि ‘हे देवि! शà¥à¤°à¥€à¤¬à¤—ला विदà¥à¤¯à¤¾ के आविरà¥à¤à¤¾à¤µ को कहता हूà¤à¥¤ पहले कृत-यà¥à¤— में सारे जगतॠका नाश करनेवाला वात-कà¥à¤·à¥‹à¤ (तूफान) उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ उसे देखकर जगतॠकी रकà¥à¤·à¤¾ में नियà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤—वानॠविषà¥à¤£à¥ चिनà¥à¤¤à¤¾-परायण हà¥à¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सौराषà¥à¤Ÿà¥à¤° देश में ‘हरिदà¥à¤°à¤¾ सरोवर’ के समीप तपसà¥à¤¯à¤¾ कर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤¾-तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°-सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¥€ à¤à¤—वती को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ किया। शà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾ ने ही बगला-रूप से पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होकर समसà¥à¤¤ तूफान को निवृतà¥à¤¤ किया। तà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥‹à¤•à¥à¤¯-सà¥à¤¤à¤®à¥à¤à¤¿à¤¨à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° बगला महा-विदà¥à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤‚ वैषà¥à¤£à¤µ-तेज से यà¥à¤•à¥à¤¤ हà¥à¤ˆà¥¤
३. शà¥à¤°à¥€à¤œà¤®à¥à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¯à¥ˆ नमः दà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ या दà¥à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को कà¥à¤¤à¤°-कà¥à¤¤à¤° कर टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‡ करनेवाली को नमसà¥à¤•à¤¾à¤°
Upon getting initiation from the Guru, the disciple starts to obtain have the feeling of divine electric power. The word deeksha is created up of two letters di and ksha. Di usually means to provide and Ksh signifies to destroy (destroy). Initiation leads to enlightenment and the lack of all sins.
ऋषि शà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾à¤²à¤¾à¤—à¥à¤¨à¤¿-रà¥à¤¦à¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उपासिता शà¥à¤°à¥€à¤¬à¤—ला-मà¥à¤–ी
५. शà¥à¤°à¥€à¤…चलायै नमः ‘पृथà¥à¤µà¥€â€™ , ‘बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®-शकà¥à¤¤à¤¿â€™ को नमसà¥à¤•à¤¾à¤° ।
शà¥à¤°à¥€à¤¬à¤—ला baglamukhi sadhna विदà¥à¤¯à¤¾ का बीज पारà¥à¤¥à¤¿à¤µ है-‘बीजं सà¥à¤®à¥‡à¤°à¤¤à¥ पारà¥à¤¥à¤¿à¤µà¤®à¥â€™ तथा बीज-कोश में इसे ही ‘पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा कला’ à¤à¥€ कहते हैं।
२१. ॠहà¥à¤²à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ ङं शà¥à¤°à¥€à¤à¤—िनà¥à¤¯à¥ˆ नमः -दकà¥à¤·-करांगà¥à¤²à¥à¤¯à¤—à¥à¤°à¥‡ (दाà¤à¤ हाथ की अà¤à¤—à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अगà¥à¤° à¤à¤¾à¤— में)।